यीशु वंशावली पवित्र शास्त्र
भजन संहिता और नीति वचन
अध्याय-शब्त के दिन खूबड़ी स्त्री की चंगाई
वह शब्त के दिन एक आराधनालय में उपदेश दे रहा था देखो वहां एक स्त्री थी जिसको 18 वर्ष से एक दुष्ट आत्मा ने रोग ग्रस्त कर रखा थाउसकी कमर मुड़ कर दो घर गई थी और वह किसी प्रकार सीधी नहीं हो सकती थी जब यीशु ने उसे देखा तो अपने पास बुलाकर उससे कहा है नारी तू अपने रोग से
मुक्त हो गई है तब उसने उसे पर हाथ रखा वह तुरंत ही सीधी हो गई और परमेश्वर की महिमा करने लगी तब आराधनालय का अधिकारी इस बात सेक्रुद्ध होकर की यीशु ने शब्द के दिन रोगी को चंगा किया भीड़ से कहने लगा 6 दिनहैजिम काम करना चाहिए आता है उन्हीं दिनों जाकर चेंजहो पर सब के दिन नहींपर प्रभु ने उत्तर दिया है पाखंडियों क्या तुम में से प्रत्येक व्यक्ति शब्द के दिन अपने बल या गधे को थन से खोलकर पानी पिलाने नहीं ले जाता यह स्त्री तो इब्राहिम की बेटी है जिसे शैतान ने 18 वर्षों की लंबी अवधि तक बंद रखा थाइस इस बंधन से छुड़ाया जाना क्या सख्त के दिन आवश्यक नहीं जब उसने यह कहा तो उसके सब विरोधी लज्जित हुए और सारी भीड़ महिमाकि उन सब कामों से जो उसके द्वारा किए जाते थे आनंदित हुए
राई के दाने और खमीर का दृष्टांत
अतः उसने कहा परमेश्वर का राज्य किसके समान है और मैं उसकी तुलना किस करूं वह राय के एक दाने के समान है जिसे एक मनुष्य ने अपने उद्यान में बॉय वह बढ़कर पेड़ बन गया और आकाश की पक्षियों ने उसकी
डोलियों पर बसेरा किया फिर उसने कहा मैं परमेश्वर के राज्य की तुलना किस करूं वह उसे खमीर के समान है जिसे एक स्त्री ने लेकर तीन पसेरी आते में मिला दिया और सारा आता खमीर हो गया
सकरा मार्ग
वह नगर नगर और गांव-गांव होकर उपदेश देता हुआ जेरूसलम जा रहा था तब किसी ने उससे कहा हे प्रभु क्या उधर पानी वाले थोड़े ही हैं उसने उनसे कहा सक्रिय द्वारा से भीतर जाने का यत्न करो क्योंकि मैं तुमसे कहता हूं कि बहुत से हैं जो प्रवेश करने का यत्न तो करेंगे पर सफल ना होंगे एक बार जब गृह स्वामी उठकर द्वारा बंद कर देता है और तुम बाहर खड़े हुए द्वारा खटखटाकर रहते हो ही स्वामी हमारे लिए खोल दे तब वह तुमसे रहेगा मैं नहीं जानता कि तुम कहां से आए होजब तुम खाने लगोगे हमने तेरे सामने खाया पिया और तूने हमारी गलियों में उपदेश दिया तब वह कहेगा मैं कहता हूं कि मैं नहीं जानता कि तुम कहां से आए हो ही सब कुकर्मियोंमुझसे दूर हो जाओ जब तुम इब्राहिम इश्क याकूब और सब नबियों को दो परमेश्वर के राज्य में परंतु अपने आप को बाहर निकलते हुए देखोगे तो वह रोना और दांतपीसना होगापूर्व और पश्चिम उत्तर और दक्षिण से परमेश्वर के राज्य में आकर लोग भोज में भाग लेंगे और देखो कुछ अंतिम है जो प्रथम होंगे और कुछ प्रथम हैं जो अंतिम होंगे जेरूसलम के लिए विलाप ठीक उसी समय कुछ हरी सी जाकर उसे कहने लगे यहां से निकल जा क्योंकि हीरो देश तुझे मार डालना चाहता है उसने उनसे कहा उसे लोमड़ी से जाकर कहोगी मैं आज और कल दुष्ट आत्माओं को निकलता और रोगियों कोचंगा करता हूं और तीसरे दिन अपना लक्ष्य पूरा करूंगा फिर भी मुझे आज और कल परसोंयात्रा करना आवश्यक है क्योंकि यह नहींहो सकता कि कोई नबी जेरूसलम से बाहर मर जाए है जेरूसलम है या मुस्लिम वह नगरी जोनदियों को मार डालती है और जो तेरे पास भेजे गए हैं उन्हें पथराव करके मार डालती है कितनी बार मैंने चाहा कि जिस प्रकार मुर्गी अपने बच्चों को अपने पंखों तले इकट्ठा करती है तेरे बच्चों को इकट्ठा करूं पर तूने यह नहीं चाहा देखो तुम्हारा घर तुम्हारे लिए उजाला पड़ा है और मैं तुमसे कहता हूं
कि तुम मुझे उसे समय तक नहीं देखोगे जब तक यह नहीं कहोगे कि धन हैवह जो प्रभु के नाम से आता है
फरीसियों के घर में यीशु
फिर ऐसा हुआ की सख्त के दिन जब वह फरीसियों के किसी अधिकारी केघर रोटी खाने गया तो वह उसकी घाट में लगे थे वहीं उसके सामने एक मनुष्य था जोजालंधररोग से पीड़ित था यीशु ने व्यवस्था भी दो और हरी सिंह से कहा सब की दिन चंगाई करना उचित है या नहीं पर वे चुपचाप रहे उसने उसे हाथ से पकड़ कर चंगा किया और जाने दिया उसने कहा तुम्हारा बेटा या बेल कुएं में गिर जाए तो तुम में से ऐसा कौन है कि वह उसे सब के दिन ही तुरंत बाहर निकाल ना तुरंत बाहर निकलना लेंवे इस प्रश्न का कोई उत्तर ना दे सके जब उसने देखा कि अतिथि गढ़ किस प्रकार अपने लिए सम्मानित स्थान चुन रहे हैं तो वह उनसे एक दृष्टांत कहने लगाजब कोई तुझे विवाह की भोज में बुलाए तो सम्मानित स्थान पर ना बैठाना कहीं ऐसा ना हो
कि उसने तुझे अधिक सम्मानित व्यक्ति को आमंत्रित किया हो और वह जिसमें तुम दोनों को आमंत्रित किया आकर तुझे कहें उसे बैठने दें तब अपमानित होकर तुझे अंतिम स्थान पर बैठना पड़ी पर जब तू आमंत्रित किया जाए तोजाकर नीचे स्थान पर बैठना जिससे वह जिसने तुझे आमंत्रित किया आकर तुझे कह मित्र आगे बढ़कर बैठ तब उन सब की दृष्टि में जो तेरे साथ बैठे हूं तू सम्मानित होगा क्योंकि प्रत्येक जो अपने आप को ऊंचा करता है वह निशा किया जाएगा और वह जो अपने आप को दिन करेगी सम्मानित किया जाएगातब उसने उसे जिसने उसे आमंत्रित किया था यह भी कहा जब तू किसी को दिन या रात का बोझ दे तो अपने मित्रों भाइयों संबंधियों अथवा धनी पड़ोसियों को ना बुलाना कहीं ऐसा ना हो कि वह भी तुझे बदले में बुलाएं और तुझे बदल मिल जाए परंतु जब तू भज करें तो कंगलों विकलांगों को लैंगडन और अंधों को आमंत्रित करना तब तू आशीषआईटी होगा क्योंकि उनके पास कोई ऐसा साधन नहींकि वह तुझे बदल दें परंतु धर्मियों के जी उठने परतुझे प्रतिफल मिलेगा
1 Comments
best post in prabhu ishu
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