यीशु वंशावली/अध्याय-भजन संहिता-पहला भाग धर्मी और दुष्ट में अंतर

यीशु वंशावली/अध्याय-भजन संहिता-पहला भाग धर्मी और दुष्ट में अंतर

 यीशु वंशावली

भजन संहिता और नीति वचन

अध्याय-भजन संहिता-पहला भाग



धर्मी और दुष्ट में अंतर

क्या ही धन है वह मनुष्य जो दोस्तों की सम्मति पर नहीं चलता ना पापियों के मार्ग में खड़ा होताऔर नाठंडा करने वालों की बैठक में बैठता हैपरंतु वह तो यहोवा की व्यवस्था से आनंदित होता और उसकी व्यवस्था पर रात दिन मनन करता रहता हैवह उसे वृक्ष के समान है जोजल धाराओं के किनारे लगाया गया है और अपनी ऋतु में फलता है और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं इसलिए जो कुछ वही मनुष्य करता है वह उसमें सफल होता हैदुष्ट ऐसे नहीं होते हुएभूसी के समान होते हैं जिसे पवन उड़ा ले जाता हैइसलिए दुष्ट न्याय में स्थिर न रह सकेंगे न पापी धर्मियों की सभा में क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है परंतुदोस्तों का मार्ग नष्ट हो जाएगा

यहोवा की अभिशक्ति का राज्य

जाति जाति के लोग क्यों फुल्हड़ मचाते हैंऔर देश देश के लोग व्यर्थ बात क्यों करते हैंयहोवा और उसके अभी शक्ति के विरुद्ध पृथ्वी के राजा उठ खड़े होकर और शासन एक साथ मिलकर यह समझी करते हैं हो हम उनकी जंजीरों को तोड़ डालें और उनके बंदों को अपने ऊपर से उतर फेंकेंगेवह जो स्वर्ग में विराजमान है हंसता है प्रभु उनकोटट्टू में उड़ता हैतब वह अपने क्रोध में उनसे बातें करता और अपने प्रकोप में उन्हें भयभीत कर देता है मैं तो अपने राजा को अपने पवित्र पर्वत शन की राजगद्दी पर बैठ चुका हूं निश्चय हीमैं यहोवा की वचन का प्रचार करूंगा उसने मुझसे कहा तू मेरा पुत्र हैआज ही मैंने तुझे उत्पन्न किया है मुझसे मांग तो निश्चय ही मैं जाति जाति को तेरे उत्तराधिकार में और पृथ्वी के छोड़ तेरी निज भूमि होने के लिए दे दूंगा तू लव दंड से उनके टुकड़े-टुकड़े कर देगा और कुम्हार के बर्तन के समान तू उन्हें चकनाचूर कर डालेगा इसलिए अब है राजाओं समझदारी दिखाओऔर पृथ्वी के न्यायियों चेतावनी पर ध्यान दो भाई सहित यहोवा की उपासना करो और थ्रेटहुए मग्न हो पुत्र का सम्मान करो ऐसा ना हो कि वह क्रोधित हो जाए और तुम मार्ग में ही नष्ट हो जाओ क्योंकि उसका प्रकोप शीघ्र भड़क सकता है क्या ही धन है वह सब जो उसकी शरण लेते हैं

परमेश्वर पर भरोसा रखने की प्रातः कालीन प्रार्थना

अनेक लोग मेरे विरुद्ध उठ रहे हैं बहुत से हैं जो मेरे प्राण की विषय में रहते हैं परमेश्वर में उसके लिए कोई छुटकारा नहीं परंतु है यहोवा तू ही चारों ओर मेरी दल है तू मेरी महिमा है तू ही मेरे मस्तक को ऊंचा करने वाला है मैंने ऊंची शब्द से यहोवा को पुकारा और उसने अपने पवित्र पर्वत से मुझे उत्तर दिया मैं लेट कर सो गया हूं मैं जाग उठा क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है मैंउन हजारों हजार मनुष्यों से नहीं डरूंगा जो मेरे विरुद्ध चारों ओर घेरा डाले हुए हैं भेजा हुआ उठ है मेरे परमेश्वर मुझे बचा क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जवानों पर मारा है और तूने दोस्तों के दांत तोड़ डाले हैंउधर यहोवा से ही है तेरी आशीष तेरी प्रजा प है



परमेश्वर पर भरोसा रखने की शाम की प्रार्थना

है मेरी धर्म में परमेश्वरजब मैं तुझे पुकारूतब तू मुझे उत्तर देतूने मेरे संकट में सेमुझे छुड़ाया है मुझ पर अनुग्रह करके मेरी प्रार्थना सुनोहे मानव पुत्रों कब तक मेरे आधार का अनादर होता रहेगा कब तकतुझे व्यर्थ बात बातों से प्रीति रखोगे और चल को अपना लक्ष्य बनाओगेपरंतु यह जान को की यहोवा ने भक्त को अपने लिए अलग कर रखा है जब मैं यहोवा को पुकारता हूं तब वही मेरी सुनता हैक्रोध तो करो पर पाप मत करो अपने विचारों पर पड़े हुए मनन करो और शांत रहो धार्मिकता की बलिदान चढ़ा और यहोवा पर भरोसा रखो अनेक लोग कहते हैं कौन हमें भलाई दिखाएगा हे यहोवा तू अपने मुख का प्रकाश हम पर चमकबढ़नी से होता है मैं शांतिपूर्वक लेट जाऊंगा और सो जाऊंगा क्योंकि यह हुआ तू ही मुझे सुरक्षित रखता है

 

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