शिकायत और प्रशंसा का भजन kaise kare

शिकायत और प्रशंसा का भजन kaise kare

jesus genealogy यीशु वंशावली



शिकायत और प्रशंसा का भजन hymn of complaint and praise

दोस्तों यहां पर हम परमपिता परमेश्वर यीशु भगवान के द्वारा शिकायत और प्रशंसा के विषय मेंबताया जा रहा हैजो इस प्रकार हैहै यहोवामैं तेरी ही शरण में आया हूं मुझे कभी लज्जित न होने दे तू अपनी धार्मिकता के कारण मुझे छुड़ा ले अपना काम मेरी और लगा तुरंत मुझे छुड़ा ले तू मेरे लिए समर्थ की चट्टान अर्थात मुझे बचाने के लिए दृढ़ गढ़ हैतू ही मेरा चट्टान और गढ़ है इसलिए अपने नाम के लिए तू मेरी अगवाई और मेरा मार्गदर्शन कर तू मुझे उसे जाल में से निकाल जिसे उन्होंने मेरे लिए चुपके से बिछाया है क्योंकि तू मेरा बाल हैमैं अपनी आत्मा तेरे हाथ में सोता हूंहे परमेश्वर है यहोवा है सत्य के परमेश्वर तूने ही मुझे माल लेकर छुड़ाया है मैं उनसे घृणा करता हूं जो व्यर्थ वस्तुओं पर मन लगाते हैं परंतु मेरा भरोसा यहोवा ही हैमैं तेरी करुणा मेंमगन और आनंदित रहूंगा क्योंकि तूने मेरे दुख पर दृष्टि की है तूने मेरे प्राण की संकटों को जाना है और तूने मुझे शत्रु के हाथ में पढ़ने नहीं दिया पर मेरे पैरों को चौड़े स्थान में खड़ा किया है वह मुझ पर अनुग्रह कर क्योंकि मैं संकट में पड़ा हूं मेरी आंखें वर्ण मेरा प्राण और शरीर भी शौक सेखुले जाते हैं मेरा जीवन दुख में और मेरी आयु करते करते बीत गई मेरे धर्म के कारण मेरा बाल जाता रहा और मेरी हड्डियां खुल गई है अपने सब विरोधियों के कारण में विशेष कर पड़ोसियों मेंनिंदित हो गया हूं अपने परिचितों मेंभाई का कारण बन गया हैमुझको सड़क पर देखने वाले मुझसे दूर भाग जाते हैंमृतक के समान में लोगों के मन से भुला दिया गया हूं मैं टूटे बर्तन के समान क्योंकि मैं तोभूतों से अपनी निंदा सुनी है चारों ओर आतंक की ही आतंक है जबकि उन्होंने मेरे विरुद्ध आपस में समझी कि तो मेरे प्राण लेने की युक्ति कीपरंतु है या हुआ मैं तुझी पर भरोसा रखता हूं मैं कहता हूं तू मेरा परमेश्वर है मेरी आयु तेरे हाथ में है मेरे शत्रुओं और मेरे सताने वालों के हाथ से मुझे छुड़ा लेअपने दास पर अपनी मुख का प्रकाश चमक अपनी करुणा से मेरा उद्धार करभेजा होगा मुझे लज्जित न होने दे क्योंकि मैं तुझे पुकारता हूं दुष्ट लज्जित हूं और वह अधुलोक ने चुपचाप पड़े रहे झूठ बोलने वाले वह होंठ मुख हो जाए जो धर्मी के विरुद्ध अहंकार और अपमानपूर्वक दृश्यता से बोलते हैं संचितकर रखी है और मनुष्यों के समान उन पर की हैजो तेरी शरण में आते हैं तो उन्हें मनुष्यों के षड्यंत्र से बचकर अपनी उपस्थिति के गुप्त स्थान में छुपाए रखना है तो उन्हें अपने शरण स्थान में रखकर झगड़ा जीव से बचाता हैधन हो या होक्योंकि उसने सुना से घिरे हुए नगर मेंभी मुझ पर अपनी करुणा अद्भुत रीति से प्रकट की है मैंने तो घबराहट में कहा था मैं तेरी दृष्टि से दूर कर दिया गया फिर भी जब मैं तुझे पुकारा तो तूने मेरी दुहाई सुन लीहै यहोवा के सब भक्तों उससे प्रेम करो यहोवा सच्चे मनुष्यों की तो रक्षा करता है परंतु अहंकारी को पूरा-पूरा बदल देता है या होगा पर आशा रखने वालेतुम सब ही आओ बंधु और तुम्हारा ह्रदय दृढ़ रहे

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