दुष्ट के विनाश के लिए प्रार्थना kaise kare/ how to pray for the destruction of evil

दुष्ट के विनाश के लिए प्रार्थना kaise kare/ how to pray for the destruction of evil

पवित्र शास्त्र भजन संहिता और नीति वचन



अध्याय-सुरक्षा के लिए प्रार्थना/ Chapter-Prayer for Protection

है यह हुआ मेरे वचनों पर काम लगामेरे करने पर ध्यान दें है मेरे राजा है मेरे परमेश्वरमेरी दुहाई पर ध्यान दें क्योंकि मैंतुझी से प्रार्थना करता हूंहे यहोवाभर के समय तू मेरी वाणी सुनेगाप्रातः काल में तुझसे प्रार्थना करके तेरीबात चुंग क्योंकितू तो ऐसा ईश्वर नहीं जो दूसरा से प्रसन्न होता होतुझ में कोई बुराई रह नहीं सकतीअहंकारी तेरे आंखों के सामने खड़े नहीं रह सकते तू सब को कर्मियों से घृणा करता हैझूठ बोलने वालों को तू नष्ट करता है हत्यारे और चली मनुष्य से यहोवा घृणा करता हैपरंतु मैं तो तेरी अपार करुणा के कारण तेरे भवन में प्रवेश करूंगा मैं तेरे पवित्र मंदिर में तुझे आदर पूर्वक दंडवत करूंगा ही यह हुआमेरे शत्रुओं के कारण अपनी धार्मिकता में मेरी अगुवाई कर मेरे आगे आगेअपना मार्ग सिद्ध कर उनके मुंह में कोईसच्चाई नहीं उनका मन विनाश ही है उनका गाल खली कब्र है वह अपनी जीभ से चिकनी चिकनी बातें करते हैं हे परमेश्वर उन्हें तो सेट हेरा उनकी अपनी हीकर्मों से उनका पतन होने दे उनके अपराधों की अधिकारी के कारण उन्हें बाहर निकाल क्योंकि उन्होंने तेरे ही विरुद्धविद्रोह किया है परंतु वह सब जो तेरे शरण लेते हैं मग्न हो खुशी रहे और वे सदैव आनंद के गीत गाते रहे तू उनकी रक्षा कर कि वह जो तेरे नाम से प्रीति रखते हैं तुझ में प्रफुल्लित हूं क्योंकि है यहोवा तू धर्मी के आशीष देता हैतू ही उसे अपनीअनुग्रह रूपी दल से घेरे रहता है औरबचता है

 

परमेश्वर के न्याय के लिए धन्यवाद भजन Thanksgiving Hymn for God's Justice

है या होगा मैं अपनी संपूर्ण हृदय से तुझे धन्यवाद दूंगामैं तेरे समस्त आश्चर्य कर्मों का वर्णन करूंगा मैं तुझ में आनंदित और उल्लासित होता है परम प्रधान मैं तेरे नाम का भजन गाऊंगा जब मेरे शत्रु पीछे हटते हैं तो वह तेरे समझ होकर खाकर नष्ट हो जाते हैं क्योंकितूने मेरे पक्ष को उचित ठहराया टू सिहंसन पर विराजमान होकर धार्मिकता से न्याय करता है तूने जाति-जाति को चिड़ा और दुष्ट को नष्ट किया तूने उनका नाम सदा सर्वदा के लिए मिटा दिया है शत्रु का सर्वनाश अर्थात अनंत विनाश हो गया है तूने नगरों को उखाड़ फेंका है और उनका नाम निशान मिट गया हैपरण परंतु यहोवा सर्वदा विराजमान हैउसने अपना सिंहासन निहाई के लिए स्थापित किया है वह संसार का न्याय धार्मिकता से करेगा वह जाति जाति का न्याय निष्पक्षता से करेगा यहोवा किस हुए का दृढ़ गढ़ भी ठहरेगा हां संकट के समय दृढ़ गढ़ और निश्चित रहेगा जो तेरा नाम जानते हैं वह तुझ पर भरोसा रखेंगे क्योंकि यहोवा तूने अपने फौजियों को त्याग नहीं दिया है यहोवा जो सायन में निवास करता है उसका भजन गाओ जाति में उसके कामों का वर्णन करो क्योंकि खून का पलटालेने वाला उनका स्मरण रखना हैवह पीड़ितों की पुकार को नहीं बोलता है यह होगा मुझ पर अनुग्रह कर तू जो मुझे मृत्यु के पाठकों से उठा लेता है मेरी पीड़ा को देखा जो मेरे बेरी मुझे देते हैं कि मैं तेरी सब प्रशंसा का वर्णन करूं अर्थात शन के हटको पर तेरे किए हुए उधर के लिए आनंद मनाऊं जातियां तो उसी गड्ढे में जिसे उन्होंने खुदा स्वयं गिर पड़े हैं जो जल उन्होंने बिछाया था उसी में उनके पैर फंस गए हैं यहोवा ने अपने आप को प्रकट किया है उसने न्याय झुकाया है दुष्टअपने ही हाथों के कर्मों में फंस जाता हैदुष्ट तो अधुलोक में लौट जाएंगे हां वह सब जातियां जो परमेश्वर को भूल जाती हैं क्योंकि दिन दरिद्र सदा के लिए भूल नहीं दिए जाएंगे और ना पीड़ितों की आशा सर्वदा के लिए नष्ट होगी उठ है या होगा मनुष्य प्रबल होने ना पाए जाति-जाति का न्याय तेरे समझ तेरे सामने है यहोवा उन्हें भयभीत कर जातियां जान लें कि वे तो मात्रा मनुष्य हैं

दुष्ट के विनाश के लिए प्रार्थना how to pray for the destruction of evil



है यहोवा तू क्यों बहुत दूर खड़ा रहता है संकट के समय तू क्यों अपने आप को छुपाए रखता है अहंकार में दुष्ट तो पीड़ितों के पीछे बुरी तरह पड़ जाते हैं वह अपने ही रचे हुए षड्यंत्र में फंस जाएं क्योंकि दुष्ट अपने हृदय की अभिलाषा पर घमंड करता है और लालची मनुष्य परमेश्वर का तिरस्कार करके उसे त्याग देता है दुष्ट अपने अभियान के कारण परमेश्वर की खोज नहीं करता उसका तो पूरा विचार है कि कोई परमेश्वर है ही नहीं उसकी चाल सदा सफल होती हैअपने दुष्ट कामों मेंहमेशा सफल होते हैं तेरे न्याय ऊंचे हैं उसकी दृष्टि में वह पड़े हैं वह अपने सब विरोधियों को टच जानता है वह अपने मन में कहता है कि मैं कभीतलने का नहीं पीढ़ी दर पीढ़ी तक में विपत्ति में कभी नहीं पढ़ूंगा उसका मुंह तो साफ चलवा अत्याचार से भरा हैउत्पाद और दूसरा उसकी जीभ में बसे हैं वह गांव में घात लगाए बैठा रहता है और गुप्त स्थान में निर्दोष की हत्या करता है उसकी आंखें सहयोग की घाट में लगी रहती हैं जैसेसिंह अपनी मांग में वैसे दुष्ट भी घाट के स्थान में दुबक रहता है वह असहाय को पकड़ने के लिए घाट लगता है वह लाचार को अपने जाल में फंसा कर दबोच लेता है वह दुबक कर बैठता और झुक जाता है और असहाय उसकी बलवंत भुज में दबोच लिए जाते हैं वह मन में कहता है कि परमेश्वर तो भूल गया है उसने अपना मुंह छुपा लिया है वह इसे कभी नहीं देखेगा उठे यह हुआ है परमेश्वरअपना हाथ बढ़ा पीड़ितों को ना भूल दुष्ट ने परमेश्वर को टच क्यों जाना हैउसने तो अपने मन में कहा तुलेखा ना लगा तूने देख लिया है क्योंकि तूने दूसरा और व्याकुलता पर दृष्टि की है कि उसे अपने हाथ में ले ले लाचार अपने आप को तेरे हाथों में शोक देता है तू तो नाथन का सहायक रहा है दुष्ट और दुर्जन की भुजा को तोड़ दल उसकी दूसरा को जब तक मिलती रहे ढूंढ ढूंढ कर निकलता रहा यहोवा सदा सर्वदा के लिए महाराज हैउसके देश में से जाति-जाति के लोग मिट गए हैं भेजा हुआ तूने नंबर लोगों के मन की पुकार सुनी है तू उनके हृदय को ग्रहण करेगा और उनकी और अपना काम लग्गा की नाथन और दलितों का न्याय करें जिससे कि मनुष्य जो मिट्टी का बड़ा है फिर आतंक ना फैलायाअपने आप कोभगवान ना समझे क्योंकि इंसान मिट्टी का बना हुआ है और उसे एक दिन इस दुनिया को छोड़कर जाना ही है इसलिएअपने आप पर घमंड नहीं करना चाहिए और भी सभी इंसानों को समझना चाहिए इस लेखन के माध्यम से हम बताने की कोशिश कर रहे हैं कि इंसान कोजमीन से जुदा होना चाहिए सभी से प्रेम व्यवहार के साथ रहना चाहिए छोटी-छोटी बातों पर एक दूसरे से लड़ाई झगड़ा नहीं करना चाहिए क्योंकि यह संसार क्षणभंगुर है और सभी चीज नष्ट हो जाएंगे और सभी को यहां से चले जाना है दोस्तों इस लेखन के माध्यम से हम बताना चाहते हैं किआप किसी भी इंसान सेदुष्ट व्यवहार ना करें

Post a Comment

0 Comments