यीशु वंशावली.भजन संहिता और नीति वचन….
दयालु समरी
परंतु उसने अपने को धर्मी ठहरने की इच्छा से यीशु से पूछा और मेरा पड़ोसी है कौनयीशु ने उत्तर दिया एक मनुष्य जेरूसलम सेयारी हो जा रहा था कि वह डाकुओं से गिर गया उन्होंने उसके कपड़े उतार लिए और मारा पीटा और वह उसे अधमरा छोड़कर चल दिए संयोग से एक योजक उसे मार्ग से जारहा था और उसने उसे देखा तो खतरा कर चला गया इसी प्रकार एक नेवी भी उधर से निकाला और उसे स्थान पर पहुंचकर जब उसने उसे देखा तो खतरा कर चल दिया परंतु एक समरी भी जो यात्रा कर रहा था वहां पहुंचा जब उसने उसे देखा तो उसे तरस आया उसने पास आकरउसकेभावों पर तेल और दाग प्रेसडालकर उन पर पट्टियां गांधी तब उसे अपनी सवारी पर चढ़कर एक सारा में ले आया जहां उसने उसकी सेवाशुरू साकीदूसरे दिन उसनेदो डिनर निकालकर सराय वाले को दिए और कहा इसकी सेवाशुरू करना इससे अधिक जो खर्च आए मैंलौटने पर
चुका दूंगातेरे विचार से इन तीनों में से उसे व्यक्ति का जो डाकुओं के हाथ में पड़या था कौन पड़ोसीप्रमाणित हुआउसने कहा वही जिसने उसे पर दया कीयीशु ने उससे कहा जा तू भी ऐसा ही
कर मारा था और मरियम के घर यीशु जब वे चले जा रहे थे तो उसने एक गांव में प्रवेश किया और मारता नमकएक स्त्री ने उसे अपने घर में ठहराया उसकी एक बहन थी जिसका नाम मरियम था जो प्रभु के पांव के समीप बैठकर उसके वचन सुन रही थी
परंतु मारा था सेवा टहल करते-करते व्याकुल हो उठी और उसने उसके पास आकर कहा हे प्रभु क्या तुझे चिंता नहीं की तेरी बहन ने सेवा टहल के लिए मुझे अकेला छोड़ दिया
है उसेकहा कि वह मेरी सहायता करें परंतु प्रभु ने उत्तर दिया मारा था ही माता तू बहुत सी बातों के लिए चिंतित तथा व्याकुल रहती है परंतु कुछ बातें आवश्यक हैं वास्तव में एक ही बात और मरियम ने उसे उत्तम भाग को चुन लिया है जो उसे छीना जाएगा
प्रभु की प्रार्थना
फिर ऐसा हुआ कि वह किसी स्थान पर
प्रार्थना कर रहा था जब वह प्रार्थना कर चुका तो उसके चेलों में से एक ने उससे कहा हे प्रभु जैसे यह बंधन अपने चेलों को प्रार्थना करना सिखाया तू भी हमें सिखा उसने उनसे कहा जब तुम प्रार्थना करो तो कहाँ है पिता तेरा नाम पवित्र माना जाए तेरा राज्य राज्यआए हमें दिन भर की रोटी प्रतिदिन दिया कर हमारे पापों को क्षमा कर क्योंकि हम भी अपने प्रत्येक अपराधों को क्षमा करते हैं और हमें परीक्षा में ना डाल
अग्रहपूर्ण प्रार्थना करने का प्रतिफल
उसने उनसे कहातुम में से ऐसा कौन है जिसका एक मित्र हो और वह आधी रात को उसके पास जाकर कहीं है मित्र मुझे तीन
रोटियां दें क्योंकि मेरा एक मित्र यात्रा करते हुए मेरे पास आया है और मेरे पास उसे खिलाने के लिए कुछ भी नहीं वह भीतर से उत्तर देकर कहीं मुझेना सता द्वारा बंद हो चुका है और मेरे बच्चे मेरे साथ बिस्तर पर पड़े हैं मैं उठकर तुझे कुछ भी नहीं
दे सकता मैंतुमसे कहता हूं कि यद्यपि मित्र होने के नाते वह ना उठे और उसे कुछ भी ना दे फिर भी उसके बार-बार आग्रह करने पर वह उठकर उसकी जितनी भी आवश्यकता होदेगा
मैं तुमसे कहता हूं मांगू तो तुम्हें दिया जाएगा ढूंढो तो पाओगे खटखटाओ तो तुम्हारे लिए खोला जाएगा क्योंकि जो कोई मांगता है उसे मिलता है और जो ढूंढता है वह पता है और जो खटखटाता है उसके लिए खोला जाता है तुम में से कौन ऐसा पीता होगा
कि जब उसका पुत्र रोटी मांगे तो वह उसे पत्थर दें या मछली मांगे तो मछली के बदले उसे सांप दे या अंडा मांगे तो उसे बिच्छू दे अतः जब तुमबुरे होकर अपने बच्चों को
अच्छी वस्तुएं देना जानते हो तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता उनको जो उसे मांगते हैं पवित्र आत्मा क्यों ना देगा
पवित्र आत्मा की शक्ति
फिर वह एक दुष्ट आत्मा को निकालनालगा जो गंगा थीऔरऐसा हुआ कि जब दुष्ट आत्मा निकल गई तो दूंगा बोलने लगा और
भीड़ को बड़ा आश्चर्य हुआ पर उनमें से कुछ ने कहा वह तो दुष्ट आत्माओं को बोल जाबुल अर्थात दुष्ट आत्माओं के प्रधान की सहायता से निकलता है अन्य कुछ लोगों ने
उसकी परीक्षा करने के लिए उसे आकाशका एक चिन्ह मांगा परंतु वह उनके विचारों को जानता था अतः उसने कहा जिस राज्य में फूट हो वह उजाड़ जाता है और जिस घर में फूट
हो वह नष्ट हो जाता है यदि शैतान की स्वयं अपना विरोधी हो जाए तो उसका राज्य कैसे स्थिर रह सकता है क्योंकि तुम रहते हो कि मैं बोल जाबुल की सहायता से दुष्ट आत्माओं को निकलता हूं यदि मैं बोल जाबुल की सहायता से दुष्ट आत्मा को निकलता हूं
तो तुम्हारी संतान किसकी सहायता से निकलती है परिणाम स्वरुप वे ही तुम्हारे न्याय होंगे परंतु यदि मैं परमेश्वर का ही सहायता से दुष्ट आत्मा को निकलता हूं तो परमेश्वर का राज्य तुम्हारे पास आ पहुंचा है जब एक बलवंत मनुष्य पूर्णतया हथियार
बंदे अपने घर की रखवाली करता है तोउसकी संपत्ति सुरक्षित रहती हैपर जब उससे भी बलवंत कोई व्यक्ति उसे पर आक्रमण करके उसे पराजित करता है तो वह उसके समस्त हथियारों को जिन पर उसे भरोसा था चिंता औरसंपत्ति को लूटकरबांट देता है वह जो मेरे
साथ नहीं मेरे विरोध में है और वह जो मेरे साथ बटोरता नहीं बिखरता है जब अशुद्ध आत्मा मनुष्य में से निकलती है तो विश्राम की खोज करते हुए निर्जल स्थान से होकर निकलती है जब उसे कोई स्थान नहीं मिलता तो कहती है मैं अपनी जिस घर से निकली थी
उसी में लौट जाऊंगी जब वह वहां पहुंचती है तो उसे झाड़ बोहरा और सुसज्जित आती है तब वह अपने से भी बुरी अन्य साथ आत्माओं को अपने साथ लेकर आती है और वह उसमें
प्रवेश करके बस जाती है और उसे मनुष्य की पिछली दशा पहले से भी बुरी हो जाती हैऐसा हुआ कि जब वह यह बातें कह चुका तो भीड़ में से किसी स्त्री ने ऊंचे शब्द से उससे
कहा धन है वह गर्भ जिसमें तू रहा और वह स्तन जिसे तेरा पोषण हुआ परंतु उसने कहा इसके विपरीत धन है वह जो परमेश्वर का वचन सुनते और उसका पालन करते हैं
स्वर्गीयचिन्ह की मांग
भीड़ बढ़ती जा रही थी वह कहने लगा यह दुष्ट पीढ़ी है क्योंकि यह चिन्ह की खोज में रहती है फिर भी इसको यौन के चिन्ह के अतिरिक्त अन्य कोई चिह्न नहीं दिया जाएगा जिस प्रकारयूं नानींद में के लोगों के लिए चिन्ह बना उसी प्रकार मनुष्य का पुत्र भी इसी पीढ़ी के लोगों के लिए बनेगादक्षिण की रानी न्याय के दिन इस पीढ़ी के लोगों के साथ खड़ी होकर उन पर दोष लगाएगीक्योंकि वह पृथ्वी के छोर से सुलेमान का ज्ञानसुनने आई पर देखो यहां वह है जो सुलेमान से भी बड़ा है न्याय के दिन नींद में के लोग इस पीढ़ी के लोगों के साथखड़े होकर उन पर दोष लगाएंगे क्योंकि उन्होंने यौन का प्रचार सुनकर मन फिर आया औरदेखो यहां वह है जो यौन से भी बड़ा है
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