यीशुवंशावली
पवित्र शास्त्र
भजन संहिता और नीति वचन
लुका- अध्याय वचन
समरियों द्वारा विरोध
फिर ऐसा हुआकि जब उसकेस्वर्गारोहणके दिन निकट आने लगे तो उसने जेरूसलम जाने का दृढ़ निश्चय किया और उसने अपने आगे
दूध\ भेज उन्होंने जाकर समरियों की एक गांव में प्रवेशकिया कि उसके
लिए तैयारी करेंपर उन्होंने उसका स्वागत नहीं किया क्योंकि वह जेरूसलम की ओर से हीचला जा रहा था जब उसके चेलों में सेयाबू और युवाना ने यह देखा तो कहा हे प्रभु
क्या तू चाहता है कि हम यह आज्ञा दें कि आकाश से अग्नि गिरे और उन्हें भस्म कर देपर उसने मुड़कर उनका डाटा औरकहा तुम नहीं जानते कि तुम कैसी आत्मा के होमनुष्य कापुत्र तो लोगों के प्राणों को नष्ट करने नहीं परंतु बचाने आया है और वह दूसरे नगर को चले गए
यीशु के चेले बनने का मूल्य
जब वे मार्ग पर चले जा रहे थे तो
किसी ने उससे कहा तू जहां-जहां जाए मैं तेरे पीछे चलूंगा यीशु ने उससे कहा
लोमड़ियांकेभट्ट और आकाश के पक्षियों के घोसले होते हैं पर मनुष्य के पुत्र के लिएसिर छिपाने के लिए भी कोई स्थान नहीं उसने दूसरे से कहा मेरे पीछे चल पर उसने कहामुझे पहले जाने दे कि मैं अपने पिता को दफन करूं परउसने उससे कहा मुर्दों को अपनेमुर्दे दफन करने दे पर तू आकर परमेश्वर के राज्य का सर्वत्र प्रचार कर फिर किसी एकअन्य भी कहा हे प्रभु मैं तेरे पीछे चलूंगा पर मुझे पहले जाने दें कि घर वालों सेविदा होकर हम परंतु यीशु ने उसे कहाकोई भी व्यक्ति जो अपना हाथ हाल पर रखने कीपश्चात पीछे मुड़कर देखा है परमेश्वर के राज्य के योग्य नहीं
70 चेलों का भेजा जाना
इसके पश्चात प्रभु ने 70 अन्य व्यक्तियों को नियुक्त किया और उन्हें अपने आगे दो-दो करके प्रत्येक नगर और स्थान को भेजा जहां वह स्वयं जानेपर था उसने उनसे कहा फसल तो बहुत खड़ी है पर मजदूर थोड़े हैं आतंकवादी खेत कीमालिक से विनती करो कि वह अपने खेत में मजदूरों को भेजें जो देखो मैं तुम्हेंमेमनों के समान वीडियो के मध्य भेजता हूं अपने साथ ना दूर बटुआ ना होलाजूतियां लोऔर मार्ग में किसी को नमस्कार भी मत करो जिस घर में भी प्रवेश करो पहले करो इस घरमें शांति बनी रहे यदि वहां कोई शांति के योग हो तो तुम्हारी शांति उसे पर बनीरहेगी अन्यथा वह तुम्हारे पास लौट आएगी उसी घर में रहो औरजो कुछ हुए तुम्हें दिनउसी को खाओ और पियो क्योंकि मजदूर को मजदूरी आवश्यक ही मिलनी चाहिए घर-घर मत गिराकरो जी नगर में भी जाओ जब वह तुम्हारा स्वागत करें तो जो कुछ तुम्हारे सामने रखाजाए वही खाओ वहां जो बीमार हो उन्हें चंगा करो और उनसे कहो परमेश्वर का राज्य तुम्हारे निकट आ पहुंचा है पर जी नगर में तुम जाओ और लोग तुम्हारा स्वागत ना करेंतो उसकी गलियों में जाकर कहो तुम्हारा विरोध में हम तुम्हारे नगर की उसे धूल को भीजो हमारे पैरों पर लगी है झाड़ देते हैंफिर भी यह निश्चय पूर्वक जानवरों कीपरमेश्वर का राज्य निकट आ पहुंचा है मैं तुमसे कहता हूं कि उसे दिन सदों की दशाउसे नगर से कहीं अधिक सहने योग होगी एक खुरचिन तुम पर हैयह बात सदा तुम पर आए जोआश्चर्य कम तुम्हारीमध्य आश्चर्य कर्म तुम्हारे मध्यकिए गए यदि वे सूर्य और सदा मेंकिए गए होते तो वह तातोड़कर और प्राप्त पर बैठकर कब की मां फिर लिए होते परंतुन्याय के दिन सूर्य और सदा की दशा तुमसे कहीं अधिक सहने योग होगी एक कफन रूम तू क्या स्वर्ग तक पहुंचा उठाया जाएगा तू तो अधुलोक तक निशा किया जाएगा वह जोतुम्हारी सुनता है मेरी सुनता है और जो तुम्हें आशीर्वाद करता है वन मुझे आशीर्वादकरता है और जो मुझे स्वीकारकरता है वह उसे अस्वीकार करता है जिसने मुझे भेजा है वह70 आनंद करते हुए लौटे और पहले लगे हे प्रभु यहां तक की दुष्ट
आत्माएं भी तेरे नाम से हमारे वश में है उसने उनसे कहा मैं शैतान को बिजली के समानआकाश से गिरते देख रहा था देखो मैंने तुम्हेंसरसों और बिच्छुओं को कुचलना तथाशत्रुओं की सारी सामर्थ पर अधिकार दिया है अतः कोई तुम्हेंहनी नहीं पहुंचाएगा फिरभी इस बात पर आनंदित मत हो की आत्मा है तुम्हारे वश में है परंतु इस बात से आनंदितहो कि तुम्हारा नाम स्वर्ग में लिखे हुए हैं
अनंत जीवन पानी का उपाय
उसी क्षण वह पवित्र आत्मा मेंअत्यंत आनंदित हुआ और उसने कहा है पिता स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु मैं तेरी स्तुतिकरता हूं कि तूने बुद्धिमान और ज्ञानियों से इन बातों को गुप्त रखा पर बच्चों परप्रकट किया था ही पिता यही तुझे भला लगे मेरे पिता ने मुझे सब वस्तुएं सौंप दी हैपिता को छोड़कर कोई नहीं जानता कि पुत्र कौन है तथा केवल पुत्र को कोई नहीं जानताकि पिता कौन है और केवल उसे व्यक्ति की जिस पर पुत्र उसे प्रकट करना चाहे तब चेलोंकी ओर मुड़कर उसने उनसे गुप्त रूप में कहां धन है वह आंखें जो उन बातों को देखतेहैंजिन्हें तुम देखते हो क्योंकि मैं तुमसे कहता हूं कि तुम जिन बातों को देखते होतुमको बहुत से नदियों तथा राजाओं ने देखना चाह पर ना देखा और उन बातों को सुनना
चाहा जिन्हें तुम सुनते हो पर ना सुनादेखो एक व्यवस्था विदउठा और यह कहकर उसकीपरीक्षा की है गुरु अनंत जीवन का उत्तराधिकारी होने के लिए मैं क्या करूं उसनेउससे कहा व्यवस्था में क्या लिखा है तू कैसे पड़ता है उसने उत्तर दिया तू प्रभुअपने परमेश्वर से अपने संपूर्ण हृदय संपूर्ण प्राण संपूर्ण शक्ति तथा संपूर्ण बुद्धि
से प्रेम कर तथा अपने पड़ोसी से अपने सामान प्रेम कर तब उसने उससे कहा तूने ठीकउत्तर दिया है यही कर तो जीवित रहेगा
0 Comments
Please do not enter any spam Link in the comment box